मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें
2 min readJun 10, 2021
मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें
Table of Contents
- 01. फ़िजूल और ज़्यादा बातें करने से बचना :
- 02. कुरआन करीम की तिलावत करना :
- 03. हर सुनी हुई बात को बयान न करना :
- 04. बड़ाई बयान करने से बचना :
- 05. अल्लाह का ज़िक्र करते रहना :
- 06. बात करने में फक्र करना:
- 07.ख़ामोशी इख़्तियार करना
- 08. किसी की बात को काट देना :
- 09. बात करने में किसी की नक़ल उतारना :
- 10. तिलावत ख़ामोशी से सुनना:
- 11. बात करने से पहले सोचें:
- 12. अपनी ज़बान नेकी के लिये इस्तेमाल करें :
- 13. इल्म सीखना एक अच्छा काम और बाइज्जत रास्ता है :
- 14. इल्मे दीन को समझने व समझाने के लिये सीखें:
- 15. किसी कम इल्म वाले का मज़ाक़ न उड़ायें:
- 16. गाना सुनना जायज नहीं:
- 17. बारीक व तंग लिबास न पहने :
- 18. बगैर आस्तीन का लिबास न पहनें:
- 19. बुरी मजलिस से बचना :
- 20. मजलिस में अल्लाह का जिक्र करते रहना :
- 21. दूसरों की बातें करने से बचना :
- 22. मजलिस में किसी को डांटना नहीं:
- 23. घर में एक कुतुबख़ाना बना लें:
- 24. अख़्लाक़ को बिगाड़ने वाले लिटरेचर पर पाबंदी लगा दें:
- 25. सीरते सहाबियात का मुतालआ लाज़िम करें:
- 26. किसी मुफ़ीद नये लिट्रेचर का इल्म हो जाना :
- 27. मुतालआ (अध्ययन) में मसरूफ़ रहना बेहद ज़रूरी है:
- 28. बगैर ज़रूरत घर से न निकलें:
- 29. खुश्बू लगाकर न निकलें:
- 30. इधर-उधर बगैर जरूरत नहीं देखें:
- 31. बुराई को अच्छा न समझें:
- 32. बाहर घूमते रहने की आदत अच्छी नहीं:
- 33. जिस चीज़ की ज़रूरत हो वही ख़रीदना:
- 34. जो कुछ माँगना है अल्लाह से माँगोः
- 35. अल्लाह की कुर्बत हासिल करना :
- 36. दीनदारों से ताल्लुक़ात बढ़ायें:
- 37. अपने वक़्त की क़द्र करें:
- 38. रिज़्क़ और उम्र में बरकत का सबब (कारण):
- 39. गुनाह पर फक्र न करें:
- 40. अपने दिल में रहम और नर्मी पैदा करें:
- 41. गैर इस्लामी ऐलानात से मुतासिर (प्रभावित) न हों:
- 42. अपने दीन को मज़बूती से थामे रहो:
- 43. इस्लामी पहचान को अपनी गिजा बना लें:
- 44. अच्छे अख़्लाक़ को अपनी आदत बना लें:
- 45. घर के काम-काज में शर्म महसूस न करें:
- 46. हमेशा हसमुख और मुस्कुराते रहें:
- 47. न गुस्सा करें, न गुस्सा दिलाएं:
- 48. कुफ़्फ़ार की आदात न अपनायें:
- 49. नमाज़ में ताख़ीर (देरी) न करें:
- 50. नफ़्स का तजकिया होना लाज़मी है: