Shab e Barat : क्या सहीह हदीसों में शबे बराअत का ज़िक्र आया है?
आऊजूबिल्लाही मिनश्शैतान निर्रजीम
बिस्मिल्लाहीर्रहमान निर्रहीम
हमारे प्यारे नबी(ﷺ) की किसी एक भी सहीह हदीष में शबे बराअत का ज़िक्र नहीं आया, जिन रिवायतों में शबे बराअत का ज़िक्र है उनमें कुछ तो सख्त ज़ईफ और ज्यादातर मौज़ूअ है। यहाँ पर कुछ ऐसी रिवायतों का तहक़ीक़ी जायज़ा लेंगे –
तीर्मीजी शरीफ की ये हदीस बड़ी मशहूर है और शबे बारात का बयान तो इस हदीस के बगैर अधुरा है –
हदीस-1
“सैय्यदा आयशा रदियल्लाहु अन्हा कहती है कि मैने एक रात रसूलुल्लाह (ﷺ) को गायब पाया तो मैं आप की तलाश में बाहर निकली तो क्या देखती हूँ कि आप बक़ी कब्रस्तान में हैं, आप(ﷺ)ने फरमाया क्या तुम डर रही थी कि अल्लाह और उस के रसूल तुम पर जुल्म करेंगे? मैने अर्ज़ किया अल्लाह के रसूल(ﷺ)! मेरा गुमान था कि आप अपनी किसी और बीवी के यहां गए होंगे। आप(ﷺ)ने फरमाया अल्लाह तआला पन्द्रवीं शाअबान की रात आसमान दुनिया पर…